Breaking News
सोशलिस्ट पार्टी इंडिया( उत्तराखंड यूनिट) का हुआ आम आदमी पार्टी में विलय, प्रदेश अध्यक्ष समेत तमाम पदाधिकारियों ने थामा आम आदमी पार्टी का दामन
विजय देवराकोंडा के फैंस को एक और बड़ा तोहफा, हुआ नई पीरियड फिल्म का ऐलान
मैदानी क्षेत्रों में गर्मी बढ़ने के चलते सैलानियों ने नैनीताल की ओर रुख करना किया शुरु, 80 फीसदी होटल हुए पैक 
गर्मियों में पी रहे हैं इस तरह के ड्रिंक्स, तो हो जाएं थोड़ा सावधान
भाजपा ने सीएम केजरीवाल को बताया ‘भ्रष्टाचार का बेताज बादशाह’, जारी किया नया पोस्टर
सीएम धामी ने चारधाम यात्रा की सारी व्यवस्था ठीक करने के दिए निर्देश 
विधि-विधान से खुले विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट
बिना विस्थापन बेकसूर लोगों को उजाड़ने पर आमादा है भाजपा सरकार – राजीव महर्षि
महाराज ने किया यात्रा रजिस्ट्रेशन ट्रांजिट कैंप का औचक निरीक्षण

कबाड़ में जाएंगे 15 साल से अधिक पुराने सभी वाहन, बनाए गए स्क्रैप सेंटर

देहरादून। प्रदेश के सरकारी विभागों, स्थानीय निकायों, प्रतिष्ठानों, उपक्रमों के 15 साल से अधिक पुराने सभी 6,200 वाहन मार्च अंत तक कबाड़ में चले जाएंगे। इसके लिए प्रदेश में स्क्रैप सेंटर बनाए गए हैं। इन वाहनों की न तो नीलामी होगी और न ही इनके रजिस्ट्रेशन की अवधि बढ़ाई जाएगी।सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी के मुताबिक, प्रदेश में जारी स्क्रैप नीति के तहत 15 वर्ष या अधिक पुराने वाहनों को स्क्रैप में भेजने के लिए समय सारिणी बनाई गई थी। इसके मुताबिक, पिछले साल नवंबर तक 1,200 वाहन स्क्रैप में भेजे गए। दिसंबर से जनवरी तक 2,500 वाहन स्क्रैप किए गए। अब फरवरी और मार्च में बाकी 2,500 वाहन भी स्क्रैप हो जाएंगे।

इस तरह 6,200 सरकारी वाहन कबाड़ बन जाएंगे। सभी विभागों को स्पष्ट किया गया कि वे केंद्र सरकार के एमएसटीसी के ई-ऑक्शन पोर्टल से वाहनों की स्क्रैपिंग कराएं। सभी विभागों को ये भी निर्देश दिए गए कि वे स्क्रैप किए गए वाहनों का निक्षेप प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट) की कॉपी स्क्रैप वाहनों की सूची के साथ परिवहन आयुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराएं। इन वाहनों का पूरा विवरण माहवार शासन को भी भेजा जाना जरूरी है।

पुराने सरकारी वाहनों को कबाड़ बनाने 5की प्रक्रिया तो चल रही, लेकिन इनके बदले नए वाहन खरीद में जान नजर नहीं आ रही। इसके पीछे मुख्य वजह ये है कि विभागों के पास इतना बजट नहीं है। वित्त से उन्हें अनुमति भी आसानी से नहीं मिल रही है। नतीजतन विभागों के अफसर अब टैक्सी सेवा के भरोसे काम कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top