Breaking News
प्रधानमंत्री मोदी आज अमेरिका यात्रा पर हुए रवाना, ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को करेंगे संबोधित
बीएसएनएल के ग्राहकों की संख्या 29.40 लाख बढ़ी, तीनों प्रमुख कंपनियों के टैरिफ महंगे होने से हुआ फायदा 
द्वारीखाल ब्लॉक के ठांगर गांव में सात साल के बच्चे पर गुलदार ने किया आत्मघाती हमला 
पर्यटकों के लिए खुशखबरी- आगामी 23 सितंबर से उठा सकेंगे राफ्टिंग का लुत्फ
विभिन्न विभागों के प्रस्ताव केंद्र को भेजने की डेडलाइन तय
आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल के लिए की सरकारी आवास की मांग
कांग्रेस को बर्बाद करने की बकायदा कॉन्ट्रैक्ट
उच्च शिक्षा में 108 असिस्टेंट प्रोफेसर को जल्द मिलेगी तैनाती
सूचना विभाग शासन ,जनता और मीडिया के बीच सेतु का कार्य करता है- संयुक्त निदेशक

अल्मोड़ा सीट से सांसद अजय टम्टा को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी, दिल्ली से आया बुलावा 

अल्मोड़ा संसदीय सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने वाले चौथे नेता बने अजय टम्टा 

कुशल राजनीतिज्ञ की श्रेणी में हुए शामिल अजय टम्टा 

देहरादून। उत्तराखंड में अल्मोड़ा सीट से सांसद अजय टम्टा को केंद्र में भी बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। बताया जा रहा है कि अजय टम्टा को भी दिल्ली से बुलावा आया है। हालांकि वह केंद्र में मंत्री बनेंगे या राज्य मंत्री यह अभी स्पष्ट नहीं है। उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने इसकी पुष्टि की है। अल्मोड़ा संसदीय सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने वाले अजट टम्टा चौथे नेता बने हैं। इससे पहले यह रिकार्ड कांग्रेस के जंग बहादुर बिष्ट, पूर्व सीएम हरीश रावत और भाजपा के बची सिंह रावत के नाम दर्ज था। लोकसभा चुनाव में अजय की लगातार तीसरी जीत ने उनका कद बढ़ाने का काम किया है और वह एक कुशल राजनीतिज्ञ की श्रेणी में शामिल हो गए हैं।

लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए अजय टम्टा ने 23 वर्ष की उम्र में राजनीति की शुरुआत की। अपने अब तक के राजनीतिक जीवन में उन्होंने नौ बार चुनाव लड़ा और छह में जीत दर्ज कर अपने को राजनीति में स्थापित किया। वर्ष 1996 में जिला पंचायत सदस्य के रूप में उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हुई। इसी वर्ष वह जिला पंचायत उपाध्यक्ष चुने गए। वर्ष 1999 से 2000 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रहे और तब उन्होंने सबसे कम उम्र का जिपं अध्यक्ष बनने का रिकार्ड बनाया। 2002 में सोमेश्वर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली।
2007 में भाजपा के टिकट पर फिर से विस का चुनाव लड़ा और देहरादून पहुंचे। 2009 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन जीत की दहलीज तक पहुंचने से चूक गए। 2012 में सोमेश्वर सीट से ही विधानसभा तक का सफर तय किया। पार्टी ने वर्ष 2014 में उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा इस पर वह खरे उतरे। 2019 के लोकसभा चुनाव में रिकार्ड मतों से लगातार दूरी जीत दर्ज की। 20024 के चुनाव में भी परिणाम उनके और पार्टी के पक्ष में आए हैं और इस सीट पर वह जीत की हैट्रिक लगाने वाले तीसरे सांसद बने हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top