Breaking News
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने हनुमान जयंती पर टपकेश्वर मंदिर में आयोजित सुंदरकांड पाठ में किया प्रतिभाग
मेगास्टार चिरंजीवी की आगामी फिल्म ‘विश्वंभरा’ का पहला गाना ‘रामा रामा’ हुआ जारी
राज्यपाल ने राधा रतूड़ी को राज्य मुख्य सूचना आयुक्त की दिलाई शपथ
जल्द ही उपनल कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया होगी शुरू- मुख्यमंत्री धामी 
केदारघाटी के तीन गांवों में लागू हुआ लॉकडाउन
क्या आपके बाल भी कम उम्र में ही होने लग गये हैं सफेद, तो आप बादाम की मदद से फिर से कर सकते हैं बालों को काला 
मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेशवासियों से भूदेव ऐप को डाउनलोड करने की अपील की 
आईपीएल 2025 के 26वें मुकाबले में आज लखनऊ सुपरजायंट्स से भिड़ेगी गुजरात टाइटंस
पाकिस्तान रेंजरों ने सीजफायर का किया उल्लंघन, भारतीय सेना का एक जवान शहीद 

चिंतन शिविर में कांग्रेस ने सरकार के दावे को बताया हवा हवाई

30 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से निकालने का दावा सही, तो राशन लेने वाले 80 करोड़ लोग कौन हैं- कांग्रेस

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के चिंतन शिविर में किए गए उस दावे को हवा हवाई बताया जिसमें मुख्यमंत्री धामी ने पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों व नीतियों के कारण देश के तीस करोड़ लोगों को गरीबी की रेखा से बाहर निकालने का दवा किया गया। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में  धस्माना ने कहा कि केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारों इस तरह के भ्रामक दावे कर लोगों को बरगलाते रहते हैं और अगर यह दवा सही है तो मुख्यमंत्री यह बताए कि इसके ठीक उल्टा दावा की केंद्र सरकार देश भर में गरीब लोगों को पांच किलो प्रति व्यक्ति हर महीने राशन दे रही है तो ये 80 करोड़ लोग कौन हैं जो इतने गरीब हैं कि उनको सरकार के मुफ्त के राशन पर निर्भर होना पड़ रहा है।

धस्माना ने कहा कि असलियत यह है कि देश की अर्थ व्यवस्था लगातार रसातल की ओर जा रही है और सरकार की ही अनेक रिपोर्टों के अनुसार देश में इस वक्त बेरोजगारी अपने चरम पर है जो आजादी के बाद सबसे ज्यादा है। धस्माना ने कहा कि आम आदमी का देश में जीना दूभर हो गया है और लोगों की पहुंच से आम उपभोग की वस्तुएं भी दूर होती जा रही हैं।

धस्माना ने कहा कि महंगाई सरकार के नियंत्रण से बाहर है और महंगाई बढ़ाने में सबसे बड़ा हाथ केंद्र की सरकार का है। धस्माना ने कहा कि पूरे संसार में कच्चे तेल की कीमतें गिरती हैं किन्तु भारत में पेट्रोल डीजल और रसोई गैस के दाम जो एक बार बढ़ जाते हैं वो फिर घटने का नाम नहीं लेते। धस्माना ने कहा कि वास्तव में अगर केंद्री मंत्रीगण और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री देश में तीस करोड़ लोगों को गरीबी की रेखा के ऊपर लाने की बात करते हैं तो वे इस बात पर चुप हो जाते हैं कि 80 करोड़ पांच किलो राशन लेने वाले लोगों को वो गरीब मानती है या गरीबों से ऊपर।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top