प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम योजना – सात जिलों के 128 जनजाति बाहुल्य ग्रामों का चयन
17 विभागों को नोडल अधिकारी नामित करेंगे
देहरादून। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को सभी जनजातीय ग्रामों में कैम्प लगाकर जनजातीय समुदायों के लोगों को जनजाति प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कार्य करने वाले सभी 17 विभागों को अपने नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं। यह नोडल अधिकारी 27 सितम्बर को प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम योजना के सम्बन्ध में जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित मंथन शिविर में प्रतिभाग करेंगे।
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों एवं सम्बन्धित विभागों को सभी जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में कैम्प लगाकर पीएम उज्ज्वला योजना, जल जीवन मिशन, विद्युतीकरण योजनाओं के शत् प्रतिशत कवरेज के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को आगामी 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर जिला स्तर पर चयनित प्रत्येक ग्राम में एक कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि 27 सितम्बर को प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम योजना के सम्बन्ध में जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मंथन शिविर आयोजित किया जाना है।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने उससे पूर्व सभी 17 विभागों को अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम योजना हेतु जनपद की सूचनाओं के लिए समन्वय स्थापित किये जाने हेतु एक नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं। उत्तराखण्ड राज्य में प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम योजना के क्रियान्वयन हेतु सात जनपदों के 15 ब्लाॅक के 128 जनजाति बाहुल्य ग्रामों का चयन किया गया है। योजना का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समुदायों की सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार करना है, जिसके तहत बुनियादी सुविधाओं का विकास, आर्थिक सशक्तीकरण व अच्छी शिक्षा व स्वस्थ्य जीवन को प्रोत्साहित करना है।
सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम योजना के सम्बन्ध में आयोजित समीक्षा बैठक में सचिव सचिन कुर्वे, डा. बी वी आर सी पुरूषोत्तम, अपर सचिव डा. नीरज खैरवाल, सी रविशंकर सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।