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अयोध्या सामूहिक दुष्कर्म- पीड़िता का कराया गया गर्भपात, डीएनए जांच के लिए दिया गया भ्रूण सैंपल 

डीएनए के आधार पर होगी दोषियों की पहचान 
पीड़िता की मां ने की गर्भपात होने की पुष्टि 
गर्भपात के बाद सामान्य है पीड़िता की हालत 
 
18 वर्ष से कम है पीड़िता की उम्र 

उत्तर प्रदेश। मानवता को शर्मसार करने वाले अयोध्या में हुए सामूहिक दुष्कर्म में नया मोड़ सामने आया है, जहां पीड़िता का गर्भपात कराया गया है। बता दें कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के क्वीन मेरी अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने यह गर्भपात कराया है। इसके साथ ही पीड़िता के गर्भपात के बाद डीएनए जांच के लिए जांच अधिकारी को भ्रूण सैंपल भी दिया गया है। डीएनए रिपोर्ट के आधार पर दोषियों की पहचान की जाएगी।

इस मामले पर केजीएमयू प्रशासन ने कुछ भी बोलने से इन्कार किया है। हालांकि अस्पताल के सूत्रों तथा पीड़िता की मां ने गर्भपात होने की पुष्टि की है। सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को सोमवार को अयोध्या से केजीएमयू के लिए रेफर किया गया था। उसके साथ सीएमओ के साथ ही अन्य अधिकारी भी आए थे।

केजीएमयू में डॉक्टरों की टीम ने उसका परीक्षण किया तथा सब कुछ नॉर्मल होने पर मंगलवार को उसका गर्भपात कराया। पीड़िता की उम्र 18 साल से कम थी। उसको 12 सप्ताह का गर्भ था, इसलिए गर्भपात में कोई कानूनी अड़चन नहीं थी।
14 साल 6 माह की है पीड़िता

पीड़िता 14 साल छह माह की है। बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत शैक्षणिक अभिलेखों से उसकी वास्तविक आयु स्पष्ट हुई है। उधर, सीडब्लूसी ने दुष्कर्म पीड़िता व उसके परिजनों को विभिन्न योजनाओं के तहत आर्थिक सहायता दिलाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके लिए संबंधित विभागों को प्रस्ताव भेजा गया है।

पीड़िता की आयु अब तक स्पष्ट नहीं थी। दर्ज एफआईआर में उसकी आयु 12 वर्ष बताई गई थी, लेकिन बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत आठवीं की टीसी (स्थानांतरण प्रमाण-पत्र) से उसकी सही आयु का पता चला है। इस अभिलेख के आधार पर उसकी उम्र 14 साल छह माह बताई गई है।

प्रदेश सरकार की अलग-अलग योजनाओं के तहत लाभान्वित करने की प्रक्रियाएं शुरू हुई हैं। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी ने बताया कि उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई सम्मान सहायता कोष से पीड़िता को तीन से 10 लाख रुपये आर्थिक सहायता मिल सकती है। इसके तहत पुलिस ने पोर्टल पर एफआईआर अपलोड कर दिया है।

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