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गुरु तेग बहादुर की 350वीं पुण्यतिथि पर भावपूर्ण नाटक प्रस्तुत, युवाओं को दिया प्रेरणा संदेश

देहरादून में ‘हिंद दी चादर’ नाटक का भव्य मंचन, गुरु तेग बहादुर की शहादत को दी श्रद्धांजलि

देहरादून। गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत दिवस के अवसर पर रविवार को देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज सभागार में ‘हिंद दी चादर’ नाटक का प्रभावशाली मंचन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन उत्तराखंड सिख कोऑर्डिनेशन कमेटी और श्री गुरु तेग बहादुर चैरिटेबल चिकित्सालय के संयुक्त प्रयास से किया गया।

इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री नजिंदर सिंह सिरसा ने विशेष रूप से शिरकत की। नाटक के माध्यम से दर्शकों को गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान, साहस और धर्म रक्षा के इतिहास से अवगत कराया गया।

“गुरु परंपरा ने राष्ट्र को जोड़ा है”

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘हिंद दी चादर’ कोई साधारण प्रस्तुति नहीं, बल्कि यह समाज के लिए एक दिशा देने वाला संदेश है। “हमारे गुरुओं ने सदा राष्ट्र को सर्वोपरि रखा है। उनका जीवन त्याग, बलिदान और सामाजिक एकता का प्रतीक है।”

उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों का इतिहास आज की युवा पीढ़ी को पढ़ाया जाना चाहिए, ताकि वे अपने गौरवशाली अतीत से प्रेरणा ले सकें।

हेमकुंड रोपवे से श्रद्धालुओं को मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना पर शीघ्र काम शुरू होने जा रहा है। इस सुविधा के बाद श्रद्धालुओं की यात्रा न केवल सुविधाजनक होगी, बल्कि राज्य में पर्यटन को भी नई ऊंचाई मिलेगी।

ऐतिहासिक विरासत को जीवंत करता मंचन

‘हिंद दी चादर’ नाटक ने दर्शकों को उस समय में ले जाकर खड़ा कर दिया, जब गुरु तेग बहादुर जी ने धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। प्रस्तुति के बाद पूरे सभागार में श्रद्धा और गर्व का माहौल देखने को मिला।

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