Breaking News
मिलेट्स, कीवी और ड्रैगन फ्रूट से चमकेगा किसानों का भविष्य
मुख्यमंत्री धामी ने किया छात्रसंघ समारोह का शुभारंभ, विश्वविद्यालय विकास के लिए प्रतिबद्धता दोहराई
आईपीएल 2025 के 34वें मुकाबले में आज रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से भिड़ेगी पंजाब किंग्स
साउथ सुपरस्टार सूर्या की आगामी फिल्म ‘रेट्रो’ सेंसर बोर्ड से यूए सर्टिफिकेट के साथ हुई पास 
आज से अगले दो दिन तक गर्मी से मिलेगी राहत, झोंकेदार हवा का ऑरेंज अलर्ट जारी 
कर्ज में डूबी अपनी सरकारी एयरलाइन को बेचेगा पाकिस्तान, अगले हफ्ते शुरू होगी बिक्री प्रक्रिया 
चारधाम यात्रा के लिए खोले जाएंगे ऑफलाइन पंजीकरण काउंटर 
सीएम धामी ने विदेशी घुसपैठियों के खिलाफ तत्काल कठोर कार्यवाही के दिए निर्देश
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में यमुना नदी की सफाई और पुनरुद्धार के लिए हुई उच्च स्तरीय बैठक

रेल में उत्तराखंड को केंद्रीय आवंटन में मिला दो प्रतिशत से कम बजट – सूर्यकांत धस्माना

प्रदेश के पांचों सांसद हुए निकम्मे साबित- सूर्यकांत धस्माना

देहरादून। केंद्रीय बजट में उत्तराखंड राज्य की रेल अवस्थापना कार्यों के लिए आवंटित बजट कुल अवस्थापना बजट का दो प्रतिशत से भी कम उत्तराखंड को मिला है जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कही। धस्माना ने कहा कि केंद्रीय बजट में रेलवे को 2,52000 करोड़ रुपए आवंटित किया गया जिसमें से उत्तराखंड की विभिन्न निर्माणाधीन रेल परियोजनाओं के लिए वर्ष 2024 25 के लिए मात्र 4641 करोड़ रुपया मिला है जो कि कुल बजट का 1.8 प्रतिशत है जो राज्य में चल रही व प्रस्तावित रेल परियोजनाओं के लिए नाकाफी है।

धस्माना ने कहा कि राज्य ने लगातार पिछली तीन बार से पांचों लोक सभा सांसद भारतीय जनता पार्टी की झोली में डाले किंतु आज लोक सभा में पांचों सांसद उत्तराखंड को उसका हिस्सा दिलवाने में निकम्मे साबित हुए। उन्होंने कहा कि अभी ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य आधा भी नहीं हो पाया है और इतने कम बजटीय प्रावधान में इस परियोजना के साथ साथ अन्य निर्माणाधीन व प्रस्तावित योजनाएं कैसे आगे बढ़ पाएंगी यह चिंता का विषय है।

धस्माना ने कहा कि बार बार उत्तराखंड में भाजपा के बड़े नेता केंद्र से ग्रीन बोनस दिलवाने की बड़ी बड़ी बातें करते हैं किन्तु ग्रीन बोनस तो दूर की कौड़ी है सामान्यतः जो उत्तराखंड का वाजिब हिस्सा है उसे भी केंद्र नहीं दे रहा है। धस्माना ने कहा कि लगातार प्राकृतिक आपदाओं से जूझने वाले उत्तराखंड को केंद्र को विशेष पैकेज देना चाहिए था किंतु प्रदेश से चुने हुए सांसद प्रदेश की हितों की पैरवी करने में पूर्णतया नाकाम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top